Did You Know? || भारत में सबसे पहले बिजली कौन से शहर में आई? || History Of Electricity
||भारत में सबसे पहले बिजली कब और कौन से शहर में आई||
भारत में सबसे पहले बिजली साल 1879 में कोलकाता शहर में शुरू की गई थी लेकिंग बिजली के अविष्कार से पहले लोगो को ये पता था की एक ऐसी मछली है|
जो बिजली के झटके देती है लेकिंग उन्हें ये पता नहीं था की उस बिजली का इस्तेमाल भी किया जा सकता है|
18 वी शताव्दी ने बेंजामिन फ्रेंक्लिन ( Benjamin Franklin ) ने एक खोज के द्वारा सभी को बिजली का अनुभव करवाया|
Name:- Benjamin Franklin
Born:- 17 January 1706, Milk Street, Boston, Massachusetts,
(United States)
Died:- 17 April 1790, Philadelphia, Pennsylvania, (United States)
उसने एक पतंग को ऐसे समय पर उड़ाया जब बादल गरज रहे थे पतंग की डोर में एक लोहे के जबी जुडी हुई थी और लोहे की तार पतंग में लगाई गई थी |
और वरसात की बजहा से उनकी पतंग की डोर गीली होने के कारण बिजली गिरने पर करंट वायर से होते हुए चाबी तक आ पहोचा जिससे फ्रेंक्लिन को बिजली का छटका लगने से उन्हें बिजली का अनुभव हुआ|
अलेस्साँद्रो वोल्टा (Alessandro Volta )
इसके बाद सन 18 सौ ईस्वी में अलेस्साँद्रो वोल्टा ने इलेक्ट्रिक बेटरी का अविष्कार किया|
Name:- Alessandro Volta
Born:- 18 February 1745, Como, Italy
Died:- 5 March 1827, Camnago Volta, Italy
Full Name:- Alsessandro Giuseppe Antonio Anastaiso Volta
Known For:- Inventing of electric cell; Discovery of methane;
Volt; Voltmeter
फिर उसके 21 साल बाद सन 1821 में एक वैज्ञानिक ने इलेक्ट्रिक मोटर का अविष्कार किया |
Name :- Michael Faraday
Born :- 22 September 1791, Newington Butts, London,
United Kingdom
Died:- 25 August 1867, Hampton Court Palace, Molesey,
United Kingdom
Known For:- Farady's Law of induction, Electrochemisty, Faraday Effect, Faraday cage, Faraday constant, more
और उसके बाद सही मायने में इलेक्ट्रसिटी को नया रूप दिया थॉमस एडिसन ने जिसे असफलता का देवता माना जाता है जिसमे बल्ब के अविष्कार में हजारो बार नाकामी का सामना किया था|
फिर एक दिन 21 अक्टूबर 1879 को पुरे 40 घंटो से बंद अपने कमरे में अविष्कार करने के बाद उसनी पूरी दुनिया को एक नई खोज यानि की बल्ब को दुनिये के सामने दिखाया और अपने एक कंपनी खोली जो घरो में (DC) करंट दिया करती थी|
लेकिन ये करंट छोटे एरिए तक ही सीमित था अभी एक और अद्भुत अविष्कार होने बाकि था|
फिर आय एक महान वैज्ञानिक नीकोला टेस्ला जो एक इलेक्ट्रिक्ल इंजीनियर था जो की थॉमस एडिसन की कंपनी में काम करने के लिए आया था|
थॉमस एडिसन के डिसिकरण में बहुत सारी कमिया थी जिसके कारण घरो में आज लगना बल्ब का फटना जैसी घटनाय आम हो चुकी थी|
ऐसे में थॉमस एडिसन ने निकोला टेस्ला को एक ऑफर दिया थॉमस कहा अगर तुम इन कमियों को सुधार दोगे तो में तुम 50 हज़ार डॉलर दूंगा टेस्ला ने ऑफर को स्वीकार किया और पूरा भी कर दिखाया|
लेकिन एडिसन से उसे पैसे देने से माना कर दिया जिसके कारण टेस्ला ने कंपनी को छोड़ दिया|
और 1888 में जोर्न बिस्टिस नाम की एक कंपनी के साथ काम करना सुरु किया जो की (AC) करंट पर काम कर रही थी थॉमस AC करंट के साथ था एडिसन की DC करंट की सबसे प्रॉब्लम यही थी की उसे बस 2 मील तक ही सकता था|
जबकि AC करंट को हजारो मील तक बिना किसी परशानी के जा सकता था आखिर एडिसन से हार मानली और टेस्ला की मेहनत रंग लाई उसने AC करंट को दूर दूर तक फैलाया और पूरी दुनिया को बिजली अवगत कराया|
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